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मई, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
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तेज आंधी-तूफान के साथ जमकर बरसे बदरा तापमान गिरा,नपा की सफाई की खुली पोल डा.एल.एन.वैष्णव दमोह/अचानक आये जोरदार आंधी तूफान ने जहां जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया तो वहीं आधा घंटे से अधिक जमकर बरसे बदरों ने नगर पालिका की सफाई व्यवस्था के दांवों की पोल खोलकर रख दी। सारा नगर अंधेरे में डूबा रहा संध्या साढे सात बजे से बाधित हुई विघुत आपूर्ति रात्रि तीन बजे तक सुधर पायी। बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारी अवरोध को तलासते और दुरूस्त करते रहे। ज्ञात हो कि बंगाल की खाडी में उठे मोरा नामक तूफान के चलते अनेक प्रदेशों में आंधी,बारिश ने अपना कहर बरपाया जिससे जिला भी अछुता नहीं रहा। सूत्र बतलाते हैं कि मोरा की गति 125 किलोमीटर प्रति घंटा है जो लगातार आगे बढ रहा है।  उखडे बोर्ड,गिरे वृक्ष- जिला मुख्यालय की बात करें तो एक बडा हादसे के शिकार होने से अनेक लोग बच गये। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारी आंधी में एक मोबाईल की दुकान का छज्जा बोर्ड सहित नीचे आ गिरा। जिसमें कुछ साईकिलें एवं एक बुलट मोटर साईकिल दब गयी। बतलाया जाता है कि पुरानी नगर पालिका के सामने दुकान में छज्जा पर दीवाल स्वयं दुकानदार

आधे अधिक प्रदेश में जल संकट,पानी के लिये हाहाकार

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आधे अधिक प्रदेश में जल संकट,पानी के लिये हाहाकार डा.एल.एन.वैष्णव गर्मी के भारी प्रकोप के साथ गहराते जल संकट ने लोगों के जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। जानकारों की माने तो अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाये गये तो आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है। जल संकट कितना बना है और कितना बनाया गया है यह भी एक विचारणीय प्रश्न है। सूत्रों की माने तो जंगल,जमीन,रेत की तरह जल माफिया भी लम्बे समय से प्रदेश के अनेक जिलों में सक्रिय बने हुये हैं ? बतलाया जाता है कि टेंकरों की दौड में लम्बे गोल माल के साथ जेब तिजोरी में कितना माल जाता है और गया है किसी से छिपा नहीं है? वैसे देखा जाये तो गर्मी के प्रारंभ होते ही जल संकट के संकेत मिलना प्रारंभ हो गये थे वहीं दूसरी ओर अनेक क्षेत्रों में गत अनेक बर्षों से लगातार यह संकट सामने आता ही रहा है। इसके समाधान के लिये कितने प्रयास किये गये तथा कितने कारगर हुये किसी से छिपे नहीं हैं। मध्यप्रदेश के दो दर्जन से अधिक जिलों की संख्या भीषण जल संकट वाले क्षेत्रों की बतलायी जाती है। जल संकट से जुझते नगर- प्राप्त जानकारी के अनुसार दमोह, सीहोर, पन्ना, रीव

Jeewan Me Badalaw ( जीवन मे बदलाव )

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सिंहों की संख्या कम तो क्या शेर बिल्ली बन जायें-महामंडलेश्वर सिया वल्लभदास

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आधा दर्जन से अधिक तालाब,दो दर्जन से अधिक कुये,बाबडी,बीस इंच अधिक बारिश फिर भी प्यासा

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आधा दर्जन से अधिक तालाब,दो दर्जन से अधिक कुये,बाबडी,बीस इंच अधिक बारिश फिर भी प्यासा शहर प्यासा,अधिकारियों ,जनप्रतिनिधियों की उदासीनता का नमूना कलेक्ट्रर ने किया जिले को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित डा.एल.एन.वैष्णव दमोह/14-05-2017 जल के संकट ने फिर से शहर को चपेट ले लिया है पानी के लिये जद्दोजहद करते नागरिक हजारों पीले कुप्पों की फौज के साथ बच्चे,महिलायें भी सडकों पर आपको देखने मिल जायेंगे। वह उस समय जब जिले में औसत से लगभग 20 इंच अधिक बारिश हुई हो ? लगभग बीस बर्ष से अधिक समय से जल संकट से निपटने के लिये बनती,बिगडती योजनायें उनके क्रियांवयन पर करोडों का खर्च और उस पर भी समाधान शीघ्र होने को लेकर आये दिन जनता के सामने भाषण देते जन प्रतिनिधि जिसको लेकर अब सडकों चैराहों,तिराहों तो छोडो बस,ट्रेनों में भी स्थानीय लोगों की प्रश्नात्मक चर्चायें आम हो चुकी हैं? एैसा नहीं कि शहर में जल स्त्रोतों की कमी रही हो परन्तु उदासीनता का आलम क्या रहा है सब जानते हैं?बतलादें कि आधा दर्जन से अधिक तालाब एवं दो दर्जन से अधिक कुये बाबडियों का शहर फिर भी प्यासा और जल संकट से जूझ रहा है? सैकडों बर्ष प्र

बिकाउ मीडिया शब्द का प्रतिकार होना चाहिये-रविन्द्र बाजपेयी

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बिकाउ मीडिया शब्द का प्रतिकार होना चाहिये-रविन्द्र बाजपेयी रविन्द्र बाजपेयी निर्विरोध जम्प के प्रदेश अध्यक्ष बने संस्कारधानी में जम्प की साधारण सभा की बैठक सम्पन्न डा.एल.एन.वैष्णव जबलपुर/जिस प्रकार सेवानिवृत फोजी उसी जोश में दिखता है वह कभी रिटायर नहीं होता उसी प्रकार पत्रकार कभी भी रिटायर नहीं होता यह बात जर्नलिस्ट्स यूनियन आॅफ मध्यप्रदेश (जम्प) नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र बाजपेयी ने कही। श्री बाजपेयी संस्कारधानी के होटल में आयोजित जम्प की साधारण सभा के अवसर पर प्रदेश भर के आये पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। विदित हो कि जम्प के पदाधिकारियों के निर्वाचन प्रक्रिया मंे श्री बाजपेयी प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही सभी सदस्य एवं कार्यकारणी निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा वरिष्ठ पत्रकार एवं पदाधिकारी रामभुवन सिंह कुशवाह ने निर्वाचन अधिकारी जयकृष्ण गौढ के निर्देश पर की। इस अवसर पर श्री बाजपेयी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि पत्रकारिता पर संकट इसलिये है कि पत्रकार के उपर ही संकट आन खडा है। उन्होेने एनयूजे आई एवं जम्प को पत्रकारों के हितों के लिये संघर्ष करने तथा न्याय दिलाने में अग

भगवान परशुराम जयंती ( परशुराम -डॉ एल एन वैष्णव ) 29 अप्रेल 2017

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बिकाउ मीडिया शब्द का प्रतिकार होना चाहिये-रविन्द्र बाजपेयी

बिकाउ मीडिया शब्द का प्रतिकार होना चाहिये-रविन्द्र बाजपेयी