संदेश

अप्रैल, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Shiv Tandav ( Tejgad mahotsav 2017)

चित्र

तेजगढ़ महोत्सव 2017 के यादगार पल( राजकपूर -डॉ एल एन वैष्णव )

चित्र

सिंहों की संख्या कम तो क्या शेर बिल्ली बन जायें-महामंडलेश्वर सिया वल्लभदास

सिंहों की संख्या कम तो क्या शेर बिल्ली बन जायें-महामंडलेश्वर सिया वल्लभदास

तेजगढ़ महोत्सव 2017 जीना यहाँ मरना यहाँ ( राजकपूर -डॉ एल एन वैष्णव )

चित्र

श्री हनुमंत लाल जी की जयंती- दमोह (मध्यप्रदेश ) 11-04-2017

चित्र
चित्र
चित्र
शरीर से ज्यादा मन की सफाई आवश्यक जो भावातीत ध्यान में संभव-भुवनेश शर्मा महर्षि महेश योगी जन्म शताब्दी समारोह में वक्ताओं ने रखे विचार डा.एल.एन.वैष्णव दमोह/09-04-2017 शरीर की सफाई से ज्यादा महत्वपूर्ण है मन मस्तिष्क की सफाई जो कि भावातीत ध्यान से संभव है मनुष्य प्रतिदिन कुछ मिनिट में ही यह कार्य कर सकता है यह बात महर्षि महेश योगी विश्वविद्यालय के कुलपति भुुवनेश शर्मा ने कही। स्थानीय मानस भवन में आयोजित महर्षि महेश योगी जन्म शताब्दी समारोह के भव्य कार्यक्रम में वह मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होने भावातीत ध्यान का वर्णन विस्तार से करते हुये इससे होने वाले अनेक लाभों को पूरी प्रमाणिकता से सामने रखा। श्री शर्मा ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि धर्म का मतलब प्रकृति के नियमों का पालन है और यही बात वेदों में आती है जिसको विश्व के बडे-बडे वैज्ञानिक स्वीकार करने लगे हैं। उन्होने कहा कि भारत विश्व गुरू रहा है वह अपने ज्ञान के बल पर अपना लोहा मनवाता रहा है कुछ परिस्थितियां एैसी बनी की सब कुछ गडबड हो गया। श्री शर्मा ने महर्षि महेश योगी के जन्म से लेक
चित्र
बनाओ मिटाओ के खेल में करोडों की खिलती फाग खुदती सडकें,डलते पाईप और कलेक्टर का आदेश  ( डा.एल.एन.वैष्णव ) दमोह/ 01-04-2017 कब कहां क्या बन जाये और क्या मिटा दिया जाये यह बात कोई नहीं जानता हां इस बनाओ मिटाओ की राजनीति में करोडों रूपयों की फाग जरूर खिलती देखी जा सकती है? जी हां यह वह सच्चाई है जिसमें नगर में विकास के नाम पर बलिदान और बंदरबांट कितना हुआ और कहां हो रहा है आये दिन चर्चाओं में आता ही रहता है। सडकों के चैडीकरण के नाम पर प्राचीन विशाल वृक्षों की कुरबानी और कुछ महिनों पूर्व ही बनी सडकों को पाईप लाईन बिछाने के नाम पर खोदने को लेकर तरह-तरह की चर्चायें व्याप्त हैं? “खाता न बही जो हम कहें वह सही” की कहावत को चरितार्थ करने की बात भी लोगों के मध्य बनी हुई है। विदित हो कि नगर के मध्य नवनिर्मित सडकों को खोदने का क्रम जारी है। जिसके चलते आवागमन में बाधा तो उत्पन्न हो ही रही है साथ में जमकर धूल उड रही है। कहने का मतलब फिर वहीं पहुंच रहे हैं जहां पूर्व में थे वही धूल और गढ्ढे वाली सडकों के दिन लोटने लगे हैं। वृक्षों एवं सरोवरों के मामलों में क्या हुआ किसी से छिपा नहीं